‘Royal City’ कहा जाने वाला शहर भारत का विजय नगर है। यह हिंदू धर्म की धरती होने के साथ-साथ इतिहास, संस्कृति और राजघराने की धरती भी है। राजस्थान राज्य के इस शहर में कई विश्व धरोहर स्थल, प्राचीन हवेलियां, और शाही महल हैं जो इसे एक सर्वोच्च गौरव और महत्त्व वाला स्थान बनाते हैं। चित्तौड़गढ़, महाराणा प्रताप का जन्म स्थान, इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसका नारा भी है ‘भीम की देश छाप’। विजय नगर भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक प्रमाणों की संग्रहालय के रूप में महत्वपूर्ण योगदान देता है।.
भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है, जो कि अपनी धर्म, संस्कृति, भाषा, वेशभूषा और अनूठी परंपराओं के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। यही वजह है कि हर साल यहां पर देसी-विदेशी पर्यटक भारत के विभिन्न शहरों में पर्यटन के लिए पहुंचते हैं।
भारत के विभिन्न शहरों की अपनी पहचान है, जो कि उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में मदद करती है। देश के अलग-अलग शहरों को जानने की अपनी इस कड़ी में हम आज एक नए शहर के बारे में जानेंगे।
क्या आपने भारत के ऐसे शहर के बारे में सुना है, जिसे ‘Royal City’ के नाम से जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, जानें।
भारत के कौन-से शहर को कहा जाता है ‘Royal City’
भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित पंजाब राज्य के दक्षिण-पूर्वी में स्थित पटियाला शहर को ‘Royal City’ के नाम से जाना जाता है। इस शहर को देशभर में राजशाही शहर के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि विदेशी पर्यटक भी इसके नाम से आकर्षित होकर इस शहर के दीदार के लिए पहुंचते हैं।
किसने की थी पटियाला शहर की स्थापना
पटियाला शहर की स्थापना का श्रेय अला सिंह को जाता है, जिन्होंने 1763 में इस शहर की स्थापना की थी। दरअसल, उन्होंने तब यहां पर किला मुबारक बनवाया था, जिसके आसपास पटियाला शहर को बसाया गया था।
क्या है पटियाला शहर के नाम की कहानी
पटियाला शहर के नाम की बात करें, तो इसका नाम पटी और अला शब्द से बना है। यहां पटी शब्द का अर्थ जमीन के टुकड़े से है, जबकि अला शब्द राजा अला सिंह के नाम से लिया गया है, जिन्होंने शहर की स्थापना की थी।
क्यों कहा जाता है रॉयल सिटी
अब सवाल यह है कि पटियाला शहर को ही रॉयल सिटी क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि पटियाला शहर में कई राजशाही इमारतें बनी हुई हैं। महाराजा भूपेंद्र सिंह ने साल 1900 से 1930 में भारत के इस शहर को भारतीय नक्शे में महत्वपूर्ण शहर के रूप में स्थापित किया।
शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स में भी अपनी पहचान बनाई, वहीं इस शहर में बनी इमारतों की वास्तुकला शुरू से ही यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रही। यही वजह रही कि इस शहर को रॉयल सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
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Source: hgvt.edu.vn
India is known for its diversity, including its religions, cultures, languages, clothing, and unique traditions, which make it famous worldwide. This attracts both domestic and foreign tourists to various cities in India every year. Each city in India has its own identity, helping it to be recognized at the national and international level. In this article, we will learn about a new city called the “Royal City.” Patiala, located in the southwestern part of Punjab state in northwestern India, is known as the “Royal City.” It is renowned for its royal architecture and attracts tourists from all over the world. The city was founded in 1763 by Ala Singh, who built the Mubarak Fort, around which Patiala was established. The name “Patiala” is derived from the words “Pati,” meaning a piece of land, and “Ala,” named after Raja Ala Singh, who founded the city. Patiala is called the “Royal City” because of the many royal buildings present there. Maharaja Bhupinder Singh established the city as an important city in the map of India from 1900 to 1930. The city has also made a name for itself in international sports and the architectural beauty of its buildings has always attracted tourists. Hence, it is also known as the “Royal City” or “Cotton City.”
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