भारत का पहला कंप्यूटर “अणुवंश” है, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इएसआरओ (ISRO) ने विकसित किया था। यह 1986 में लॉन्च किया गया था और अपनी प्रस्तुतियों और गणना में उपयोग होता था। अणुवंश भारतीय अंतरिक्ष प्रोधोगिकी का महत्वपूर्ण कदम था और उसकी सफलता ने भारत को कंप्यूटर प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अणुवंश को आज भी भारत के कंप्यूटर इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है।.
वर्तमान के आधुनिकता के दौर में हम सभी तकनीक से घिरे हुए हैं। इसी तकनीक का हिस्सा है कंप्यूटर, जिसके माध्यम से हमारे ऑफिस के काम से लेकर निजी काम भी कम समय के साथ आसानी से हो जाते हैं।
यही वजह है कि कंप्यूटर के बिना किसी ऑफिस की कल्पना नहीं की जा सकती है। हालांकि, मौजूदा समय में अब इनकी जगह लैपटॉप ने ले ली है, लेकिन काम वही है। अब सवाल यह है कि क्या आपको भारत के पहले कंप्यूटर के बारे में पता है।
यहां हमारा भारत के पहले कंप्यूटर से मतलब उस कंप्यूटर से है, जिसका निर्माण भारत में किया गया था। इस लेख के माध्यम से हम भारत के पहले कंप्यूटर के बारे में जानेंगे।
यह था भारत का पहला अपना कंप्यूटर
भारत के पहले कंप्यूटर के बारे में बात करें, तो भारत में पूरी तरह से विकसित कंप्यूटर TIFRAC था, जिसकी फुलफॉर्म Tata Institute of Fundamental Research Automatic Calculator थी।
इस कंप्यूटर का निर्माण मुंबई स्थित Tata Institute of Fundamental Research में किया गया था।
कब किया गया था कंप्यूटर का निर्माण
भारत के अपने पहले कंप्यूटर का निर्माण साल 1950 में ही शुरू हो गया था, हालांकि साल 1956 में जाकर यह पूरी तरह से शुरू हो सका।
भारत के पहले प्रधानमंत्री ने दिया था नाम
भारत के पहले कंप्यूटर के विकसित होने पर विज्ञान और तकनीक जगत में खुशी की लहर थी। ऐसे में उस समय भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू यहां पहुंचे और उन्होंने साल 1960 में इस कंप्यूटर को टाटा रिसर्च सेंटर का सम्मान रखते हुए नाम दिया था।
27,00 वैक्यूम ट्यूब से बना था कंप्यूटर
अब इस कंप्यूटर के निर्माण की बात करें, तो इस कंप्यूटर का निर्माण 2700 वैक्यूम ट्यूब से किया गया था। इसके अलावा इसमें 17,00 जर्मेनियम डॉयड्स, 12,500 रेजिस्टर्स और 204840-फिट शब्द वाली कोर मेमोरी का इस्तेमाल किया गया था।
इसके ट्यूब वाले भाग को एक बड़े स्टील के बॉक्स में रखा गया था। वहींं, स्क्रीन के लिए Cathode Ray Tube(CRT) का इस्तेमाल किया गया था, जिसके माध्यम से ग्राफ और नंबरों को देखा जा सके।
यह था भारत का पहला डिजिटल कंप्यूटर
भारत के पहले डिजिटल कंप्यूटर की बात करें, तो वह HEC 2M था, जिसका निर्माण ब्रिटिश ने किया था। इस कंप्यूटर का आयात कर कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान में 1955 में लगाया गया था।
हालांकि, इससे पहले साल भारत ने अपने पहले कंप्यूटर का निर्माण शुरू कर दिया था।
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Source: hgvt.edu.vn
In the era of modern technology, computers have become an integral part of our lives. They make office work and personal tasks easier and faster. While laptops have taken over in recent times, computers are still indispensable. This article discusses India’s first computer, TIFRAC, developed by the Tata Institute of Fundamental Research in Mumbai in 1950. It was named by India’s first Prime Minister, Jawaharlal Nehru. The computer was made using 2700 vacuum tubes, Germanium diodes, registers, and a core memory with 204840 words. India’s first digital computer, HEC 2M, was imported from Britain and installed in the Indian Statistical Institute in Kolkata in 1955.
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